संत भवन नावा में हुआ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन,
जैन समाज व अन्य अनुयायियों ने महाराज श्री के देवलोक गमन होने पर गहरा दुख प्रगट करते हुए 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की,
नावां सिटी (मनोज गंगवाल) दिगंबर जैन आचार्य सुकुमाल नंदी जी महाराज का दिनांक 3 मई 2023 को उपसर्गों को सहन करते हुए देवलोकगमन हो गया । प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराज श्री के देवलोक गमन के समाचार कस्बे में आते ही जैन अजैन सभी धर्मों के उनके अनुयायियों में मायूसी छा गई लोगों ने गहरा दुख प्रकट करते हुए महाराज श्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए इस क्रम में संत भवन नावा में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सुकुमाल युवा मंच के सदस्यों के साथ जैन समाज नागौरी गोठ अध्यक्ष नवीन गोधा, अजमेरी गोठ अध्यक्ष अजय शाह,पार्षद निरंजन जांगिड़ के अलावा जैन समाज व अन्य समाजों के अनेक नागरिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की । आचार्य श्री का जन्म नावा राजस्थान में 29 अगस्त 1978 को चौधरी परिवार नावा में हुआ। आचार्य श्री को मात्र 12 वर्ष की उम्र में वैराग्य के भाव आए व 1992 मैं नावा में हुए पदमनंदजी महाराज के साथ संसार से मोह छोड़ते हुए बिहार में चले गए। पदमनंदी जी गुरुदेव ने इनके ज्ञान तपस्या व साधना को देखते हुए 25 जुलाई 1993 को भीलवाड़ा में झुलक दीक्षा प्रदान की इनकी तपस्या को देखते हुए। गुरुवर ने 15 मार्च 1994 को मालपुरा टोंक में मुनि दीक्षा प्रदान की। मुनि रहते हुए सुकुमाल नंदी जी ने अनेक शास्त्रों का अध्ययन किया एवं कई पुस्तकों की रचना की। जिससे प्रेरित होकर इनको उपाध्याय की उपाधि सनावद मध्य प्रदेश मैं 2004 में प्रदान की गई। इनके शास्त्रों के अध्ययन एवं कुशल नेतृत्व क्षमता को देखते हुए वर्ष 2005 में आपको आचार्य पद प्रदान किया गया। आपने आचार्य रहते हुए वर्ष 2016 में नावा में चतुर्मास किया। चतुर्मास के दौरान आपने सभी समाजों के समाज बंधुओं को एक मंच पर लाने का प्रयास किया। जिसमें बहुत अधिक सफलता प्राप्त की चतुर्मास में सभी समाज बंधुओं ने धर्म लाभ लिया। समय की धार में आप पर उपसर्ग आए उपसर्गों को आपने बड़ी ही शालीनता से सहन किया और दिनांक 3 मई 2023 को संसार को छोड़कर देवलोक हो गए । महाराज श्री के देवलोक होने पर सभी जैन समाज व अन्य अनुयायियों ने गहरा दुख प्रगट करते हुए 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की l
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